निर्जला एकादशी पर नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा मीठे जल का वितरण: सेवा और संस्कृति का अद्भुत संगम
- Er. Rahul Jain
- Jun 6
- 2 min read
निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर जैन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, उस्मानखेड़ा (पंजाब) के नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा एक सुंदर और मानव सेवा से प्रेरित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष दिन पर विद्यार्थियों ने गर्मी में राहगीरों और आम जनता के लिए मीठे जल का वितरण कर समाज सेवा का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया।

निर्जला एकादशी का महत्व
निर्जला एकादशी हिंदू धर्म में सबसे कठिन और पवित्र व्रतों में से एक मानी जाती है। इस दिन व्रती बिना जल और अन्न के उपवास रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन प्यासे को जल पिलाना या किसी को शीतल जल देना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इसी विचार को आत्मसात करते हुए नर्सिंग विद्यार्थियों ने सेवा का संकल्प लिया।
💧 मीठे जल का वितरण: सेवा का प्रतीक
विद्यार्थियों ने पूर्ण स्वच्छता और श्रद्धा के साथ मीठे जल की व्यवस्था की और उसे विद्यालय परिसर एवं आस-पास के सार्वजनिक स्थलों पर राहगीरों, आगंतुकों एवं स्थानीय लोगों में वितरित किया। चिलचिलाती धूप में शीतल जल की यह सेवा सभी के चेहरों पर मुस्कान ले आई।
🎓 पाठ्यक्रम से परे एक मूल्यवान सीख
यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए कई दृष्टिकोणों से लाभकारी रहा:
सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता का व्यावहारिक अनुभव
सामुदायिक सेवा और सहभागिता का विकास
मानवता और सेवा का सच्चा अनुभव
नर्सिंग यूनिफॉर्म में सजे विद्यार्थी, अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में, पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ सेवा कार्य में लगे रहे।
🫶 संस्थान का संदेश
"ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को केवल अच्छे स्वास्थ्यकर्मी ही नहीं, बल्कि जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक भी बनाते हैं। हमें अपने नर्सिंग विद्यार्थियों पर गर्व है जो सेवा की परंपरा को आत्मीयता से आगे बढ़ा रहे हैं।"– अंकित जैन, निदेशक, जैन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, उस्मानखेड़ा
📸 दिन की कुछ झलकियां
फोटोग्राफ्स में विद्यार्थी सेवा करते हुए, मुस्कुराते हुए और मीठा जल वितरित करते हुए देखे जा सकते हैं। ये पल उनके लिए केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि जीवनभर की सीख और सेवा की भावना का अनुभव बन गए।
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